Raksha Bandhan Essay in Hindi -

रक्षा बंधन का अर्थ "रक्षा का धागा" है। इस त्योहार के दौरान बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा धागा बांधती हैं और उनसे हमेशा उनकी रक्षा करने की कसम मांगती हैं। राखी या सावन माह में आने के कारण रक्षा बंधन को श्रावणी और सलोनी भी कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू और जैन त्योहार है जो श्रावण मास की पूर्णिमा को होता है।

Raksha Bandhan Essay in Hindi | रक्षा बंधन पर निबंध

रक्षा बंधन पर निबंध


रक्षा बंधन एक हिन्दू पर्व है जो हर साल भारत में मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्यार और सम्मान का परिचय कराता है और उनके रिश्ते को मजबूती देता है। रक्षा बंधन का मतलब होता है 'रक्षा' और 'बंधन'। इस पर्व में बहन अपने भाई की रक्षा करने का प्रतिज्ञान करती है और भाई बहन को उपहार देते हैं।

रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास के पूनम दिन मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त महीने में आता है। इस दिन बहन अपने भाई के लिए एक विशेष प्रकार की धागा (रक्षा) बनाती है और उसे उसके कलाई पर बांधती है। इसके साथ ही वह भाई को दुआएं देती है और उसके लिए शुभकामनाएं देती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देते हैं।

रक्षा बंधन का यह पर्व न केवल भाई-बहन के बीच प्यार का प्रतीक होता है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत और गहरा भी बनाता है। इस दिन के माध्यम से बच्चे सीखते हैं कि परिवार का महत्व क्या होता है और कैसे हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ प्यार और समर्थन का इज़हार कर सकते हैं।

रक्षा बंधन के दिन घरों में खास तैयारी होती है। बच्चे नए कपड़े पहनकर तैयार होते हैं और पूजा के लिए सजते-सवरते हैं। फिर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और व्रत रखकर पूजा करती हैं। इसके बाद, भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं।

रक्षा बंधन के इस पावन पर्व का महत्व बहुत अधिक होता है। यह एक ऐसा मौका होता है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ आकर्षित होते हैं और प्यार और समर्थन की भावना को साझा करते हैं। इस त्योहार के माध्यम से भाई-बहन के बीच का बंधन और भी मजबूत होता है, जो उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।

समापन रूप में, रक्षा बंधन एक अद्भुत पर्व है जो भाई-बहन के बीच प्यार और समर्थन का प्रतीक होता है। यह पर्व हमें परिवार के महत्व को समझने का मौका देता है और हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए हमें प्रोत्साहित करता है।

रक्षा बंधन का इतिहास -

रक्षा बंधन भारतीय सांस्कृतिक और परंपरागत महत्व वाला त्योहार है, जिसका इतिहास महका और रंगीन है। इस त्योहार का इतिहास महाभारत काल में भी जुड़ा हुआ है, और यह कई प्राचीन कथाओं और घटनाओं से जुड़ा हुआ है।

महाभारत कथा: 

''रक्षा बंधन का इतिहास महाभारत काल में तक पहुंचता है। महाभारत में है, कि कुंती ने अपने पुत्र कर्ण को जन्म देने से पहले सूर्य देव के साथ रख दिया था। इसके परिणामस्वरूप, कर्ण और युद्ध में उसके छोटे भाई अर्जुन के बीच में एक विशेष बंधन हो गया''।

अलक्ष्य द्रव्य: 

''राजा विक्रमादित्य के राज्य में एक रानी थी जिनके पास एक परमानन्दी हिरण माला थी। उस हिरण माला को उसके पति ने दी थी, लेकिन उसके बाद वह अत्यंत दुखी हो गई। इस परमानन्दी हिरण माला को पाकर उसका भाई राजा बालक ने उसके भाई राजा भैया और उसके पति को भाई कहकर सम्मान दिया, और उसके पास अपने पति के साथ जीवन बिताने का अवसर दिया''।

यमुना कथा: 

''एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अंश मात्र रुक्मिणी की अक्षत द्रव्य को छूने का प्रयास किया। यह कार्य उनकी भाग्यशाली बहन यमुना ने रोका और उनके हाथ में अपने राखी का बंधन किया। इसके बाद, श्रीकृष्ण ने अपने भाग्यशाली बहन के इच्छा का सम्मान किया और उन्हें उनकी चाही जगह अच्छा भाई बनने का आदान-प्रदान किया''।

रक्षा बंधन का इतिहास इन प्राचीन कथाओं से सुझाव देता है कि यह पर्व भाई-बहन के प्यार और समर्थन के बंधन को मजबूत करने का अवसर होता है, और यह भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज भी भारत में रक्षा बंधन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें भाई-बहन एक-दूसरे के साथ खुशियों का आनंद लेते हैं और एक दूसरे के साथ प्यार और समर्थन का प्रतीक करते हैं।

निष्कर्ष  -

रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो भाई-बहन के प्यार और समर्थन का महत्वपूर्ण पर्व है। इसका इतिहास महाभारत काल तक जाता है और कई प्राचीन कथाओं और घटनाओं से जुड़ा है। इसे भाई-बहन के बीच प्यार और समर्थन के बंधन को मजबूत करने का मौका माना जाता है और यह भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।



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