UP Board Class 12 General Hindi Model Paper 2023 | सामान्य हिन्दी मॉडल प्रश्नपत्र 

हेलो दोस्तों, आज हमने इस ब्लॉग पर UP बोर्ड कक्षा 12 के हिंदी मॉडल पेपर के बारे बताया है| क्यूंकि हम जानते है की आपकी परीक्षा चल रही है, इसलिए आपकी मदद के लिए  नीचे प्रैक्टिस के लिए प्रश्न दिए है| इससे आप प्रैक्टिस करके परीक्षा की तैयारी कर सकते है|



कक्षा -12  सामान्य हिन्दी मॉडल प्रश्नपत्र 2023

समय: तीन घण्टे 15 मिनट                                                                                                    पूर्णांक : 100

खण्ड-क

1.(क) वासुदेवशरण अग्रवाल द्वारा लिखित कृति है

         (i) पुनर्नवा             (ii) पृथिवीपुत्र

        (iii) आलोक पर्व       (iv) धरती के फूल

   (ख) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी लेखक हैं :

          (i) सदाचार की ताबीज

          (ii) साहित्य का श्रेय और प्रेय

          (iii) मेरे विचार

          (iv) मंथन

   (ग) यशपाल कृत ‘सिंहावलोकन’ रचना की विधा है

        (i) आत्मकथा            (ii) रेखाचित्र

        (iii) संस्मरण              (iv) कहानी

   (घ) ‘निराला की साहित्य साधना’ के लेखक हैं

         (i) सूर्यकान्त पाठी ‘निराला’

         (ii) महादेवी वर्मा

         (iii) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

         (iv) डॉ. राम विलास शर्मा

   (ङ) आलोचनात्मक कृति ‘साहित्य सहचर’ के लेखक हैं

      (i) रामचन्द्र शुक्ल

      (ii) श्यामसुन्दर दास

      (iii) हजारीप्रसाद द्विवेदी

      (iv) हरिशंकर परसाई

2. (क) हिन्दी साहित्य का प्रथम कवि माना जाता है :

       (i) शबरपा              (ii) देवसेन

       (iii) सरहपा              (iv) खुमाण रासो

    (ख) ‘नई कविता युग’ की रचना है :

       (i) यामा                  (ii) खुशबू के शिलालेख

       (iii) प्रलय-सृजन        (iv) पुरूरवा

 (ग) 'तारसप्तक' के प्रकाशन का वर्ष है:

        (i) 1954                (ii) 1943

        (iii) 1938              (iv) 1936

   (घ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा प्रकाशित पत्रिका है :

        (i) सरस्वती                 (ii) कल्पना

        (iii) कविवचन सुधा       (iv) ज्ञानोदय

  (ङ) रीतिकाल की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रवृत्ति है :

       (i) राज-प्रशस्ति               (ii) शृंगारिकता

       (iii) रीति-निरूपणता        (iv) नीति

3. दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

हम आम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि कोई व्यक्ति अच्छा है या बुरा इसकी पहचान उसकी संगति से होती है। यह स्वाभाविक ही है कि स्वभाव, आचार, व्यवहार की दृष्टि से जैसा व्यक्ति खुद होगा, वैसे ही लोगों से वह मिलना-जुलना पसन्द करेगा। कौए कौओं से ही मिलकर बैठते हैं। कुंजे कूजों से। केवल इतना ही नहीं, किसी के चरित्र को बनाने या बिगाड़ने में कंपनी का बहुत बड़ा हाथ होता है।

अगर कोई शराबियों के साथ उठता-बैठता है तो उसे शराब की बुराई चिपट जाएगी। हम प्रतिदिन कहते और सुनते हैं कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग पकड़ता है। इसलिए मनुष्य अपनी संगति के प्रभाव से कैसे बच सकता है। इस प्रकार साधु-संगति या सत्संग कहलाने का मान केवल उस संगत को होता है, जिसमें सन्त सतगुरु शामिल हों। यह महापुरुष दया और दयालुता के स्रोत होते हैं और वे अपनी शिक्षा, दयालुता और दया भाव से अनेक जीवों को कृतार्थ करते हैं।

जहाँ ऐसे उपकारी पुरुष वास करते हैं उस स्थान की संगति परोपकार की भावना से भर जाती है। ऐसी साधु-संगति से मन का मैल दूर हो जाता है। सारी सृष्टि के जीवों में ईश्वर का ही नूर दिखाई देता है। विश्व-बन्धुत्व की भावना बढ़ जाती है। अतः परमानन्द प्राप्त करने के लिए अच्छे पुरुषों की संगति ही एक मात्र उपाय या साधन है। अतः सत्संग को अपनाना ही सही कदम है।

प्रश्न 1. अच्छे या बुरे व्यक्ति की पहचान कैसे करते है?
 प्रश्न 2. चरित्र निर्माण में किस प्रकार की संगति बाधक है ?
 प्रश्न 3. मनुष्य के आचरण और व्यवहार पर किसका प्रभाव अधिक होता है?
प्रश्न 4. किस संघ को सत्संगति कहलाने का गौरव प्राप्त है ?

अथवा 

चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवे बना।
काम पड़ने पर करे जो शेर का भी सामना ॥
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
है कठिन कुछ भी नहीं जिनके है जी में यह ठना ॥
कोस कितने ही चलें पर वे कभी थकते नहीं।
कौन-सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं ॥
संकटों से वीर घबराते नहीं, आपदायें देख छिप जाते नहीं।
लग गये जिस काम में पूरा किया, काम करके व्यर्थ पछताते नहीं ॥
मार्ग सुगम हो या कठिन, कर्मवीरों को इससे कोई सरोकार नहीं।
बढ़ चले तो अंत तक ही बढ़ चले, कठिनतर गिरिशृंग ऊपर चढ़ चले ॥

(क) प्रस्तुत काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक कौन है? 
(ख) काव्यांश में किस बात का वर्णन क्या गया है?
(ग) चिलचिलाती धूप को चांदनी में बदलने का क्या अर्थ है?
(घ) ‘कोस कितने में किस अलंकार का प्रयोग है?

4. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए: 

   (i) डॉ. कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

   (ii) डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी

   (iii) हरिशंकर परसाई

5. (क) निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए:

     (i) ‘वधूत्सवः’ का संधि-विच्छेद है:

        (A) वधू +त्सवः            (B) वधूत् + सवः

        (C) वधू + उत्सवः         (D) वर्धा + उत्सवः

      (ii) ‘स्वागतम्’ का संधि-विच्छेद है:

        (A) स्वा + गतम्            (B) सु + आगतम्

        (C) सो + आगतम्         (D) स्वाग + तम्

       (iii) ‘नायकः’ का संधि-विच्छेद है:

         (A) ना + यकः             (B) नाय + कः

         (C) ने + अकः             (D) नै + अकः

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